किसी से आसरा जो मांगा
बढाया हाथ लोगों ने
मगर सफीना डुबो दिया
मगर अबके जो साथ पाया है
लगता है वही कश्ती सभालेगा
अभी जो हाथ मिलाया है
वो कल दिल भी मिला लेगा
रात को आकर वो ख्वाबों
मीठा दर्द दे जायेगा
सुरहीन इस जीवन मै
सन्गीत की सरगम छेड जायेगा
मायने ढूढ रही इस जिन्दगी को
मन्जिलों की सौगात दे जायेगा