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Tuesday, February 14, 2012

अबके जो साथ पाया है

फंस के तूफां मै हमने
किसी से आसरा जो मांगा
बढाया हाथ लोगों ने
मगर सफीना डुबो दिया
मगर अबके जो साथ पाया है
लगता है वही कश्ती सभालेगा
अभी जो हाथ मिलाया है
वो कल दिल भी मिला लेगा
रात को आकर वो ख्वाबों
मीठा दर्द दे जायेगा
सुरहीन इस जीवन मै
सन्गीत की सरगम छेड जायेगा
मायने ढूढ रही इस जिन्दगी को
मन्जिलों की सौगात दे जायेगा

Friday, February 10, 2012

ऐ दुख तू कितना महान

ऐ दुख तू कितना महान
तू ही कराता हमको
अपनो की पहचान
ऐ दुख तू कितना महान,
राम, कृष्ण महावीर, पैगम्बर, को
तूने बना दिया भगवान,
ऐ दुख तू कितना महान,
जीवन को तू देता सुखों का सम्मान,
तेरेआगे हर कोई हारा इंसां हो या हो भगवान,
ऐ दुख तू कितना महान

ऐ दुख तू कितना महान

ऐ दुख तू कितना महान
तू ही कराता हमको
अपनो की पहचान
ऐ दुख तू कितना महान,
राम, कृष्ण महावीर, पैगम्बर, को
तूने बना दिया भगवान,
ऐ दुख तू कितना महान,
जीवन को तू देता सुखों का सम्मान,
तेरेआगे हर कोई हारा इंसां हो या हो भगवान,
ऐ दुख तू कितना महान

Tuesday, February 7, 2012

हम थे वो थे , पहली मुलाकात थी,
न गर्मी थी, न बरसात थी.

फूलों की महक थी, कोयल की चहक थी.
बूंदों की सौगात थी.

ऐसा लगता था जैसे जिन्दगी को जिन्दगी की आस थी,
वो ख्यालों की तस्वीर हकीकत मे मेरे साथ थी,

न जाने क्या बात थी, मैं सोचता रहा,
इस तरह तो पहले कभी नहीं सोचा था,
मगर आज न जाने क्या बात थी,

भीतर मेरी तन्हाई और बाहर काली रात थी
अजनबी से हम थे मगर पहचानी सी मुलाकात थी,