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Monday, November 22, 2010

जिन्दगी हर पल कोई न कोई बद्लाव लाती हैं











जिन्दगी हर पल कोई न कोई बद्लाव लाती हैं

कभी प्यार भरे पैंगाम लाती है

तो कभी दुःख की तपिश से

हमें हमारा होने का एह्सास कराती है

कभी साहिल पर लाकर खुशियों से दामन भर जाती हें

तो कभी कठिन ड्गर का तोह्फा देकर हमारा हौसला बढाती है

कभी कानो को प्यार का संगीत सुनाती है

तो कभी आंखो को गमो के मन्जर दिखती है

कभी कडी धुप मैं पीपल की छांव बन जाती है

तो कभी चांदनी मैं भी आग बरसाती है

कई बार यह मौत से लड्कर उसे हराती है

तो एक बार उसी से हार कर खुद खमोश हो जाती है जिन्दगी

2 comments:

  1. ज़िंदगी के इतने रूपों को इसीलिए आज तक कोई समझ नहीं पाया.

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  2. zindgi sach mein hi har pal mein koi na koi naya roop le leti hai... achi rachna

    mere blog par bhi sawagat hai..
    Lyrics Mantra
    thankyou

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