
ऐसे होते हैं कुछ लोग।
हंसने की बात करो तो
रोने का बहाना ढूंढ लेते हैं।
पूर्णिमा की बात करो तो
अमावस की बात करते हैं।
फूलों की बात करो तो
कांटो को बयां करते हैं।
सफलता की बात करो तो
असफलताओं का जिक्र छेड देते हैं।
कुछ करने की बात करो तो
रेंत पर किस्मत की लकीरें ढूंढते हैं।
साथ चलने की बात करो तो
मजबूरियों की दस्तान सुना देते हैं।
खुशियों की बात करो तो
गमों का मन्जर दिखा देते हैं।
कदम आगे बढाने की बात करो तो
आपसे ही सहारा मांगने लगते हैं।
जिन्दगी की बात करो तो
मौत से ही हाथ मिला लेते हैं।
ऐसे होते है कुछ लोग ........